- रूठा ना करो यु बात-बात पर मेरी जान,
आँसू चाहे तुम्हारे निकलते हो पर दिल मेरा रोता है।
- मेरी चाहत को जाने कैसे हुनर ये आता है,
श्याम होते ही आँखों में उतर आता है,
उनके खयालो से निकल कर जाऊ भी तो कहा जाऊ,
वो मेरी सोच के हर रास्तो पर खड़ा नज़र आता है।
- अब किस हद तक सोचु तुमको तुम ही बता दो,
हमे तो तुम्हारे खयालो से बेख़याल होना भी नहीं आता।
- मेरी चाहत को जाने कैसे हुनर ये आता है,
श्याम होते ही आँखों में उतर आता है,
उनके खयालो से निकल कर जाऊ भी तो कहा जाऊ,
वो मेरी सोच के हर रास्तो पर खड़ा नज़र आता है।